लड़ेंगे साथी लड़ेंगे उन दुश्मनों से
जो वार करते हैँ माँ पर
सुन लो पुकार माँ की
अब हम सह नहीं सकते पीड़ा माँ की
लड़ेंगे साथी लड़ेंगे उन दुश्मनों से
जो वार करते हैँ माँ पर
माँ की सुन पुकार बन जाएंगे हथियार
जो माँ पर अत्याचार करेगा वो सीधे कुत्ते की मौत मरेगा
लड़ेंगे साथी लड़ेंगे उन दुश्मनों से
जो वार करते हैँ माँ पर
मिट जाएंगे पर मिटने नहीं देंगे माँ को
मृत्यु चाहे जितनी बार हो पर माँ के हाथो जन्म सौ सौ बार हो
लड़ेंगे साथी लड़ेंगे उन दुश्मनों से
जो वार करते हैँ माँ पर
--दुर्गाशंकर-- © तनवीर अहमद
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